बुद्ध के सौतेले छोटे भाई के नाम?
बुद्ध के सौतेले छोटे भाई के नाम पर बना है देवदत स्तूप
देवदत स्तूप बौद्ध कालीन है। इसका वर्णन बौद्ध ग्रंथों में मिलता है। यह स्तूप छठी सदी इशा पूर्व की है। राजा देवदत भगवान के सौतेले छोटे भाई थे और बचपन से ही सिद्धार्थ (भगवान बुद्ध) के प्रति इनके मन में काफी बैर था। सम्राट विम्बसार ने जब बुद्ध की शरण ली तो राजा देवदत राजगीर पहुंचे। देवदत विम्बसार के पुत्र अजातशत्रु का परम मित्र था। जिसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अजातशत्रु को विम्बसार और बुद्ध के खिलाफ भड़काया। एक दिन अचानक अजात शत्रु ने अपने पिता विम्बसार को कैद कर लिया और स्वयं राजा की गद्दी पर बैठ गये। उस समय राजा देवदत राजगीर में यही बैठते थे। जिसके कारण अजातशत्रु ने यह स्तूप बनवाकर उन्हें भेंट किया था। पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर रखा है। विभाग द्वारा इसके 200 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का खनन, निर्माण कार्य या स्तूप को क्षति पहुंचाने पर रोक लगा रखी है। हालांकि यह वर्षों से जर्जर हालत में पड़ा हुआ है।
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